अरक्कोणम, 13 नवंबर (एजेंसी)
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पूर्व सैनिकों के मेडल जलाने की कोशिशों को राष्ट्र और सशस्त्र बलों का अपमान बताते हुए आज कहा कि पूर्व सैनिकों को साबित करना चाहिए कि एक रैंक एक पेंशन (ओआरओपी) आंदोलन के पीछे कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार के ओआरओपी योजना पर प्रतिक्रिया एवं अधिसूचना के बावजूद जारी आंदोलन के पीछे उन्हें कोई राजनीतिक संबंध दिखता है, रक्षा मंत्री ने कहा, ‘मैं कुछ कहूंगा तो यह आरोप बन जाएगा। उन्हें साबित करने दीजिए कि यह राजनीतिक नहीं है।’ उन्होंने एक दूसरे सवाल के जवाब में कहा, ‘मेडल सशस्त्र बलों के बलिदानों के लिए राष्ट्र द्वारा दिया जाने वाला सम्मान है। उन्हें जलाना या लौटाना राष्ट्र और रक्षा बलों का अपमान है।’ पूर्व सैन्यकर्मियों द्वारा ओआरओपी अधिसूचना के अपनी मांगों के अनुकूल न होने के आधार पर असंतुष्टि जताने के बाद रक्षा मंत्री की यह टिप्पणी आयी है। सरकार ने शनिवार को देश के 24 लाख से अधिक पूर्व सैनिकों और 6 लाख शहीदों की पत्नियों के लिए ओआरओपी योजना औपचारिक रूप से अधिसूचित की थी।